Today Paralympic highlights 2024 : शीतल हारी सरिता हुई बाहर और आज राकेश कुमार करने वाले हैं कमाल
Today paralympic hightlights : Shital Devi को पिछले दिन Parish Paralympics 2024 में चल रहे टूर्नामेंट में अंतिम 16 में हार का सामना करना पड़ा वहीं सरिता इसे क्वालीफाई नहीं कर पाई……
Today Paralympic highlights 2024: पेरिस पैरालंपिक में भारत के दो खिलाड़ी हुए बाहर
कल शनिवार को पेरिस में हो रहे पैरालंपिक में भारत की तीरंदाज शीतल देवी और सरिता कुमारी व्यक्तिगत महिला तीरंदाजी प्रतियोगिता से बाहर हो गई।
चिल्ली की मारियाना जुनिगा ने शीतल देवी को 16वें राउंड हराया, वहीं सरिता कुमारी तुर्की की ओजनुर गिरदी क्यूर से हारकर क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गई ।
शीतल देवी को हराने वाली जनिक 3 साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल विजेता है जिसकी उम्र मात्र 22 साल है वही अपने फार्म में चल रही सरिता ने सॉल्वें राउंड में इटली की एलीनारस आरती को हराया लेकिन क्वार्टर फाइनल में गिरदी क्यूर की ओर से हार का सामना करना पड़ा ।
पेरिस पैरालंपिक केक क्वालिफिकेशन में शीतल देवी ने मौजूदा विश्व रिकॉर्ड को अपने नाम कर दिया था लेकिन तुर्की की गिरदी क्योर की ओर ने उन्हें अभी पीछे छोड़ दिया है।
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केवल एक अंक ने किया शीतल को बाहर-
Today Paralympic highlights 2024: भारतीय तीरंदाज शीतल देवी को इस मुकाबले में 137 पॉइंट मिले जबकि वहीं मारियाना ने 138 अंक बनाकर शीतल को हराया इस प्रकार शीतल एक अंक से हार गई इससे पहले तीनों राउंड तक शीतल और मारियाना बराबर थी लेकिन चौथे राउंड में मारियाना कड़ी टक्कर देते हुए शीतल से एक पॉइंट आगे निकल गई।
इस प्रकार मारियाना अपनी बढ़त रखते हुए पांचवें राउंड तक आगे रही और शीतल इसे हर कर बाहर हो गई आपको बता दें मरियाना इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में रजक पदक विजेता है ।
इसी तरह पेरिस पैरालंपिक में भारत को एक बड़ा झटका लगा है विश्व रिकार्ड बनाने वाली शीतल देवी केहार की वजह से भारत को एक पदक और मिलने वाला था लेकिन वह नहीं मिल पाया।
कौन हैं शीतल देवी जानें शीतल का संघर्ष Today Paralympic highlights 2024 –
शीतल देवी ने मात्र 17 साल की उम्र में एक इतिहास रच दिया था वह दुनिया की बिना हाथों वाली आर्चर है उन्होंने निशानेबाजी या तीरंदाजी के क्षेत्र में 720 में से 703 अंक हासिल किए हैं और इन अंकों के साथ उन्होंने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया इसी के साथ शीतल 700 अंकों प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला तीरंदाज बन गई लेकिन शीतल के इतिहास रचने के बाद तुर्की की ओजनूर गिरदि ने 704 अंक हासिल करके शीतल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और वह एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गई ।
Today Paralympic highlights 2024 : शीतल देवी का परिचय –
लोग हाथों की लकीरों को कोसते रहते हैं जिनके हाथ नहीं होते वे अकसर इतिहास रच देते हैं ऐसा ही कुछ भारत की बेटी शीतल देवी ने पेरिस पैरालंपिक में कर दिखाया। जो लोग छोटी-छोटी बातों पर हताश होते रहते है उन्हें शीतल से सीखना चाहिए।
शीतल देवी का जन्म 10 जनवरी 2007 को जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में हुआ। शीतल देवी के पिताजी एक किसान है उनकी मां बकरियां चलती है शीतल के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है शीतल को जन्म से फोकोमेलिया नामक गंभीर बीमारी है लेकिन उसके बावजूद आज शीतल इस मुकाम पर है शीतल ने कभी हार नहीं मानी अपने जीवन में हमेशा संघर्ष किया
आखिर बिना हाथों के कैसे करती है तीरंदाजी
भारत की बेटी शीतल देवी तीरंदाजी करने के लिए एक नया अनोखा तरीका अपनाती है हाथ नहीं हुई तो क्या वह अपने पैरों से भी तीर चलाती हैं और अपने लक्ष्य को भेदती है शीतल देवी दाहिने पैर से धनुष को उठाकर और दाहिने कंधे से डोरी खींचती है और अपने मुंह से रबर को छोड़ती है और यह सब कुर्सी पर बैठकर करती है और अपने लक्ष्य को भेदती है दुनिया शीतल के हुनर को देखकर अचंभित रह जाती है।
शीतल के पास बचपन में नहीं था धनुष बाण-
मिडिल क्लास किसान परिवार में जन्मी शीतल अपने बचपन में ज्यादा सुख सुविधा नहीं देख पाई 15 साल तक उन्होंने धनुष बाण को देखा तक नहीं था और तीरंदाजी के बारे में वह कुछ भी नहीं जानती थी लेकिन आज दुनिया उसको तीरंदाज के नाम से जानते हैं शीतल की जिंदगी संघर्ष भरी है शीतल अपने खेत में बिना हाथों के पेड़ पर चढ़ जाती हैं।
जब इस हुनर को लोगों ने देखा तो 2022 को शीतल को जम्मू के कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड खेल परिसर में दाखिला करवायायह शीतल के घर से 200 किलोमीटर दूर था और वहां शीतल की मुलाकात अभिलाष चौधरी से हुई और उनके साथ कोच कुलदीप वेदपाल जिन्होंने शीतल की जिंदगी को बदल दिया और शीतल को तीरंदाजी में इतना निपुण बनाया कि आज शीतल दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रही है।
सरिता कुमारी पेरिस पैरालंपिक 2024 में शनिवार को हुई बाहर
पेरिस में चल रहे पैरालंपिक में तीसरे दिन भारत की ओर से तीरंदाज सरिता कुमारी तुर्की की और ओजनुर गिर्दिय से हार कर बाहर हो गई वही इस खिलाड़ी ने शीतल को पीछे छोड़कर विश्व रिकॉर्ड बनाया ।
भारत के राकेश कुमार इंडोनेशिया के केन स्वगु से होगी टक्कर
पुरुष तीरंददाज आज शाम को 7:17 पर पुरुषों की कंपाउंड स्पर्धा में राकेश कुमार का मैच केन स्वगू से होगा जो इंडोनेशिया से है
आपको बता देना राकेश कुमार 13 जनवरी 1985 में जम्मू कश्मीर के कटरा गांव में जन्म हुआ जो एक भारतीय पैरालंपिक तीरंदाज है और वह पुरुषों के व्यक्तिगत कंपाउंड ओपन में प्रतिस्पर्धा करते हैं राकेश कुमार ने टोक्यो में आयोजित पैरालंपिक 2020 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था
राकेश की उपलब्धियां-
टोक्यो पैरालंपिक 2020 खेल चुके हैं
फरवरी 2021 दुबई में आयोजित पारा तीरंदाजी में गोल्ड मेडल जीता
राकेश कुमार ने श्री माता वैष्णो देवी साइन बोर्ड से अपना प्रशिक्षण प्राप्त किया।
रुबीना ने दिलाया भारत को पांचवा पदक
पेरिस में हो रही पैरालंपिक में भारत को पांचवा पदक रुबीना फ्रांसिस ने दिलाया शूटर रुबीना फ्रांसिस ने शनिवार को P2-10 मीटर SH1 प्रतिस्पर्धा में ब्रोंज मेडल जीता, मध्य प्रदेश के जबलपुर की पेरासिटामोल बिना फ्रांसिस ने कुल 211.1 पॉइंट प्राप्त किए और महिलाओं के फाइनल में तीसरा स्थान प्राप्त किया उन्होंने पहले क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया था, रुबीना फ्रांसिस पेरिस पैरालंपिक (2024)में मोना अग्रवाल (bronze), अवनी लेखरा ( Gold), मनीष नारवाल (silver) के बाद भारत की चौथी पदक जीतने वाली चैंपियन बनी।
Today Paralympic highlights 2024 : रुबीना फ्रांसिस का परिचय
रुबीना फ्रांसिस का जन्म 1999 एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ जो मध्य प्रदेश में रहते हैं उनके पिताजी मैकेनिक का काम करते हैं उनका नाम साइमन फ्रांसिस है वह आर्थिक तंगी के बावजूद उनकी बेटी को उन्होंने शूटिंग के क्षेत्र में रुबीना का साथ दिया रुबीना ने शूटिंग की यात्रा 2015 में शुरू की आर्थिक तंगी होने के बावजूद साइमन फ्रांसिस ने उन्हें 2017 में जबलपुर की गन फॉर ग्लोरी अकादमी में एडमिशन करवाया और वहां पर रुबीना ने अपने शूटिंग का अभ्यास किया।
वहां उनके कोर्स जयप्रकाश नौटियाल ने उन्हें मार्गदर्शन दिया और रुबीना ने अपने प्रतिभा का प्रदर्शन किया और एमपी शूटिंग अकादमी में उसका चयन हो गया।
रुबीना के जीवन का नया मोड़ 2018 फ्रांस विश्व कप दौरान के आया जहां रुबीना ने पैरालंपिक मैं खेलने के लिए क्वालीफाई किया वहां पर उन्हें अच्छा प्रशिक्षण मिला जिसकी वजह से वहां पर मुख्य को सुभाष राणा ने मार्गदर्शित किया रुबीना फांसी की शूटिंग की प्रतिभा सामने आई और रुबीना फ्रांसिस ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते और रिकॉर्ड भी बनाए।
रुबीना फ्रांसिस की उपलब्धियां-
Paralympic 2020- सातवां स्थान (P2 – 10m Air pistol)
ओसिजॉक विश्व कप 2023 silver medal (P2 10m Air Pistol) Bronze medal P2 mixture Air pistol
चांगवोन विश्व कप 2023 2 silver मेडल पी2 team 10 मीटर एयर पिस्टल और P5 mixture team 10m air pistol
एशियाई पैरा खेल 2022 Bronze medal (P2 10m Air pistol)
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