मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त : जो महाकुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व है, पर आज रात 8 बजे से संगम में स्नान आरंभ होगा। इस अवसर पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालुओं के स्नान हेतु 44 घाटों का निर्माण किया गया है। प्रयागराज समेत 10 जिलों के डीएम और एसपी को व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी दी गई है। अखाड़ा मार्ग को सील कर दिया गया है।
मुख्य तथ्य [ मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त ] :
– रात आठ बजे से मौनी अमावस्या के स्नान के लिए सभी घाटों पर व्यवस्था की गई है।
– संगम पर इस बार संतों और श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग स्नान घाट निर्धारित किए गए हैं।
– अखाड़ा मार्गों को बंद कर दिया गया है, केवल अखाड़े के संत ही अमृत स्नान के लिए जा सकेंगे।
ज्ञानवेव्स संवाददाता, महाकुंभ नगर { मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त } : मित्रो आपको बता दे कि महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर इस संगम कि अमृत धरा पर आ रहे लाखो लोगों को कोई परेसनी न हो इस लिए उतरप्रदेश सरकार ने व्यपाक प्रबंध किए है। लगभग 12 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी 44 घाटों पर स्नान के लिए आवश्यक तैयारियाँ की जा रही हैं।
आपको बता दे कि, इन विशेष घाटो पर SDM के साथ साथ CO , तहसीलदार को भी ज़िम्मेदारी दी गई है । यह निर्णय प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने और संगम तट पर सुरक्षा तथा व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। अधिकारियों की यह तैनाती सुनिश्चित करेगी कि सभी आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से चलें और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
8 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना ( मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त ) :
महाकुंभ के इस प्रमुख मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त पर्व पर लगभग 08 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना जताई गई है। इसी के मद्देनजर सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं। दो दिन पूर्व से ही यहाँ भीड़ का जमावड़ा शुरू हो गया है।

शहर के लोगों से प्रशासन की अपील :
Mauni Amavasya 2025 Snan Muhurta : डीएम ने यह भी कहा कि इस सहयोग से प्रशासन को जाम की समस्या से निपटने में सहायता मिलेगी। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे इस पर्व के दौरान सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, जिससे कि स्नान पर्व का आयोजन सुचारू रूप से हो सके।
मौनी अमावस्या पर महा स्नान का महत्व { मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त } –
मित्रों , महाकुंभ मे इस अवसर पर संगम मे स्नान करने के साथ पितरों का तर्पण और दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलने की धारणा है । आपको बता दे ग्रहों के अनुसार तय की गई अमृत स्नान की तिथियाँ अत्यंत शुभ और पुण्यकारी मनी जाती है ।
मौनी अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए ( Mauni Amavasya 2025 Snan Muhurta ) ?
इस विशेष दिन पर तिल या तिल के लड्डू का दान भी किया जा सकता है, जो कि पुण्य का कार्य माना जाता है। तिल का दान करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही , मौनी अमावस्या के दिन वस्त्र और कंबल का दान भी किया जा सकता है, जो जरूरतमंदों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है।

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त:
– महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर आयोजित होगा।
– हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे से प्रारंभ होकर 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे तक रहेगी।
– उदयातिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या का स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा।
– यदि कोई व्यक्ति इस समय स्नान या दान नहीं कर पाता है, तो वह सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच किसी भी समय स्नान और दान कर सकता है।
– इस दिन संगम पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के एकत्र होने की संभावना है, और ध्यान रहे कि अमृत स्नान के दौरान मौन स्थिति में डुबकी लगानी चाहिए।
महाकुंभ 2025, अमृत स्नान की तिथियाँ :
– पौष पुर्णिमा : 13 जनवरी 2025
– मकर सक्रांति : 14 जनवरी 2025
– मौनी अमावस्या : 29 जनवरी 2025
– बसंत पंचमी : 3 फरवरी 2025
– माघ पुर्णिमा : 12 फरवरी 2025
– महाशिवरात्री : 26 फरवरी 2025
मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने की विधि क्या होनी चाहिए ?
– मित्रों, मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त के शुभ अवसर पर सबसे पहले आपको मन , वाणी और शरीर को पवित्र करने का संकल्प लेना चाहिए ।
– उसके बाद आप लोगों को संगम की पवित्र सरिता मे जैसे गंगा , यमुना और सरस्वती का ध्यान करते हुए पवित्र जल मे प्रवेश करना चाहिए।
– डुबकी लगाने का कार्य केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति को उसके पापों से छुटकारा पाने और उसके परिवार की समृद्धि में योगदान देने का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।
संगम में चार तरह की डुबकी लगाए { मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त } :
संत-महात्माओ की पुरानी मान्यताओ के अनुसार इस पवित्र संगम मे 3 तरह की डुबकी लगाई जाती है इसके पीछे की क्या आस्था है आइये जानते एस लेख में –
पहली डुबकी : मौनी अमावस्या 2025 स्नान मुहूर्त पर संगम में पहली बार डुबकी व्यक्ति अपने लिए लगता है ,समान्यतया: यह क्रिया न केवल आध्यात्मिक शुद्धता का अनुभव कराती है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में भी सहायक होती है। इस प्रकार, यह आत्मा की शुद्धि के माध्यम से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण साधन बन जाती है।
दूसरी डुबकी : धार्मिक मान्यताओ के अनुसार इस डुबकी से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है ।
तीसरी डुबकी : इस डुबकी का आम जीवन मे विशेष महत्व होता है क्योंकि अपने जीवन की परवाह तो हर कोई इंसान करता है लेकिन तीसरी डुबकी मे व्यक्ति, अपने परिवार के कल्याण के साथ साथ ही दूसरों की भलाई और उतम स्वास्थ्य की विनती करता है ।